तुम नसीब में हो तो जन्नत, वरना ये रात बस काली ही काली है। तुम नसीब में हो तो जन्नत, वरना ये रात बस काली ही काली है।
अक्सर तन्हा कर देती है। सुकून की नींद छीन कर अक्सर तन्हा कर देती है। सुकून की नींद छीन कर
लौट आ फिर से मेरे हमदम सब कुछ वीरान है तेरे बगैर लौट आ फिर से मेरे हमदम सब कुछ वीरान है तेरे बगैर
आ जाओ पलट कर एक बार पलकों में छुपा कर इस बार, रखूँगा सीने से लगा कर करूँगा हर चाहत आ जाओ पलट कर एक बार पलकों में छुपा कर इस बार, रखूँगा सीने से लगा कर कर...
सुकून की तलाश में, फिरती रही मैं सुकून की तलाश में, फिरती रही मैं
तेरी यादों में जो सुकून है वो नींदों में कहा। तेरी यादों में जो सुकून है वो नींदों में कहा।